मुख्य निष्कर्ष: प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2025 का उद्देश्य शहरी गरीब और अल्प-आय वर्ग के परिवारों को ‘घर-घर कनेक्शन’ के अंतर्गत सस्ता एवं सुगम आवास उपलब्ध कराना है। योजना के तहत ब्याज सब्सिडी, बैंक लोन, निर्माण सहायता और बाजार पर आधारित मूल्य निर्धारण जैसी सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं।
प्रस्तावना
भारत के तीव्र शहरीकरण ने आवास की कमी को गंभीर समस्या बना दिया है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) [PMAY-U] इस चुनौती से निपटने के लिए 2015 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य शहरी गरीबों को स्व-निर्मित या क्रय आवास तक पहुँचाना है, जिससे वे गुणवत्तापूर्ण जीवन का अनुभव कर सकें।
योजना का इतिहास और कानूनी आधार
- आरंभ: 25 जून 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च।
- कानूनी ढाँचा: केंद्रीय योजना, जिसे 2017 में स्वीकृत ‘मनसुख मंडाविया समिति’ की सिफारिशों से संवर्धित किया गया।
- लक्ष्य: 2022 तक शहरी गरीबों के 2 करोड़ से अधिक घर निर्माण या सुधार।
पात्रता एवं श्रेणियाँ
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में चार आय वर्ग निर्धारित किए गए हैं:
- EWS (अतिसूचीकृत आर्थिक वर्ग): वार्षिक आय ≤ ₹3 लाख
- LIG (निम्न आय वर्ग): ₹3–6 लाख
- MIG-I (मध्यम आय वर्ग I): ₹6–12 लाख
- MIG-II (मध्यम आय वर्ग II): ₹12–18 लाख
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पात्रता शर्तें
- आवेदक के नाम पर शहरी क्षेत्र में स्थायी निवास।
- परिवार में कोई पूर्व घर न होना।
- आवास के लिए आवेदक द्वारा स्वयं या बैंक से ऋण लेना।
योजना के प्रमुख घटक
- अवसर पर घर (In-situ Slum Redevelopment – ISSR): बस्तियों का पुनर्विकास, slum dwellers को बीआरओ के तहत घर प्रदान करना।
- घरेलू निर्माण एवं गृह सुधार (AHP/BSUP):
- AHP: नए आवास निर्माण के लिए सहायता।
- BSUP: बस्तियों में बुनियादी ढांचा एवं सुविधाओं का विकास।
- रिनोवेशन सहायता: घरों के संवारने एवं सुधार पर प्रति इकाई ₹1.5–2.5 लाख तक की अनुदान राशि
- सक्सेन-द्वारा ऋण सब्सिडी: ब्याज सब्सिडी EWS/LIG को 6.5% तक, MIG-I को 4%, MIG-II को 3% तक।
वित्तीय संरचना
ब्याज सब्सिडी के अलावा:
- केंद्रीय सहायता: प्रति इकाई ₹1.5 लाख तक।
- राज्य/स्थानीय निकाय: 25–40% सहयोग।
- बैंक/वित्तीय संस्थान: शेष राशि ऋण के रूप में।
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आवेदन प्रक्रिया
- ऑनलाइन पंजीकरण: PMAY पोर्टल पर आधार आधारित पंजीकरण।
- आवेदन पत्र भरना: व्यक्तिगत विवरण, आय प्रमाण, नगर निगम का निवास प्रमाण।
- चयन एवं सत्यापन: जिला प्रवर्तन एजेंसी द्वारा घर-घर सत्यापन।
- ऋण स्वीकृति: बैंक द्वारा क्रेडिट स्कोर एवं दस्तावेज़ जांच के पश्चात।
- फंड रिलीज़: निर्माण की प्रगति के अनुसार किश्तों में फंड ट्रांसफर।
लाभार्थी की ज़िम्मेदारियाँ
- समय-समय पर स्तरवार निर्माण रिपोर्टिंग।
- निर्माण पूरा होने पर समापन रिपोर्ट प्रस्तुत करना।
उपलब्धि एवं प्रभाव
- घर आवंटन: अब तक 1.75 करोड़ लाभार्थियों को सहयोग मिला।
- शहरी बस्तियों में सुधार: 4000+ बस्तियों का पुनर्विकास।
- रोज़गार सृजन: निर्माण क्षेत्र में लाखों रोजगार।
- महिला सशक्तिकरण: आवास के स्वामित्व में महिला भागीदारी बढ़ी।
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चनौतियाँ और समाधान
- क्रेडिट सापेक्षता: बैंक ऋण तक सीमित पहुँच → माइक्रो-फाइनेंस को बढ़ावा।
- भूमि स्वामित्व विवाद: स्थानीय निकायों के साथ MoU → फ़ास्ट-ट्रैक निपटान।
- निर्माण गुणवत्ता: नियमित तकनीकी ऑडिट और मानकीकृत मटेरियल उपयोग।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) ने शहरी गरीबों के लिए आवास के स्वप्न को साकार किया है। जारी चुनौतियों के बावजूद, व्यापक लाभार्थी आधार, वित्तीय मॉडल की मजबूती और प्रभावी राज्य-सहयोग इसे अत्यंत सफल योजना बनाते हैं। भविष्य में निर्माण गुणवत्ता, वित्तीय समावेशन और बस्तियों के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करना अनिवार्य होगा।



