केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बावजूद 8वें वेतन आयोग की अभी तक औपचारिक स्थापना नहीं हुई है। 1 जनवरी 2026 से लागू होने वाले इस आयोग से 1.2 करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 30-34% तक वेतन वृद्धि का लाभ मिलने की उम्मीद है.
वर्तमान स्थिति और चुनौतियां
Terms of Reference (ToR) की देरी
8वें वेतन आयोग की स्थापना में मुख्य बाधा Terms of Reference (ToR) का अभी तक निर्धारण नहीं होना है। ToR के बिना न तो अध्यक्ष की नियुक्ति हो सकती है और न ही आयोग अपना कार्य शुरू कर सकता है. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में स्पष्ट किया है कि सरकार विभिन्न हितधारकों से सुझाव प्राप्त कर रही है और "उचित समय पर" आधिकारिक अधिसूचना जारी करेगी.
National Council-Joint Consultative Machinery की भूमिका
NC-JCM, जो केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का प्रतिनिधित्व करता है, ने जनवरी 2025 में अपनी सिफारिश रिपोर्ट केंद्रीय कैबिनेट सचिव को सौंप दी थी। फिर भी सरकार अभी भी विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और राज्य सरकारों से इनपुट ले रही है.
कार्यान्वयन की संभावित तिथि
वास्तविक लागू तिथि की चुनौती
हालांकि आधिकारिक तौर पर 1 जनवरी 2026 से लागू होने की घोषणा है, लेकिन वास्तविकता यह है कि:
- आयोग का गठन अभी भी लंबित है
- ToR का निर्धारण नहीं हुआ है
- इतिहास के अनुसार, पे कमिशन को रिपोर्ट तैयार करने में 18-24 महीने का समय लगता है
वास्तविक भुगतान समयसीमा: यदि आयोग 2026 की शुरुआत में काम शुरू करे तो भी रिपोर्ट 2027 के अंत या 2028 की शुरुआत में आने की संभावना है। हालांकि, वेतन वृद्धि का भुगतान 1 जनवरी 2026 से पूर्वव्यापी रूप से होगा.
फिटमेंट फैक्टर और अनुमानित वेतन वृद्धि
फिटमेंट फैक्टर के विकल्प
विशेषज्ञों के अनुमान के अनुसार 8वें पे कमिशन में फिटमेंट फैक्टर का रेंज होगा:
- न्यूनतम: 1.83 (13% वृद्धि)
- मध्यम: 2.28-2.46 (28-34% वृद्धि)
- अधिकतम: 2.86 (54% वृद्धि)
7वें पे कमिशन में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिससे 23.55% की वृद्धि हुई थी.
वेतन वृद्धि का उदाहरण
लेवल-1 कर्मचारी (वर्तमान बेसिक: ₹18,000)
- फिटमेंट फैक्टर 2.28 के साथ: ₹41,040
- फिटमेंट फैक्टर 2.46 के साथ: ₹44,280
लेवल-10 कर्मचारी (वर्तमान बेसिक: ₹56,100)
- फिटमेंट फैक्टर 2.28 के साथ: ₹1,27,908
- फिटमेंट फैक्टर 2.46 के साथ: ₹1,38,006
DA (Dearness Allowance) की स्थिति
वर्तमान DA दर
अक्टूबर 2025 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 3% की DA वृद्धि को मंजूरी दी, जिससे DA दर 55% से बढ़कर 58% हो गई। यह वृद्धि 1 जुलाई 2025 से प्रभावी है और इसका भुगतान अक्टूबर 2025 की सैलेरी में एरियर्स सहित किया गया.
8वें पे कमिशन में DA रीसेट
8वें पे कमिशन के लागू होने पर:
- वर्तमान DA (58%) को रीसेट करके शून्य किया जाएगा
- यह DA नए बेसिक पे में मर्ज हो जाएगा
- इससे वेतन संरचना में स्थिरता आएगी
- पेंशन कैलकुलेशन में भी सुधार होगा क्योंकि पेंशन बेसिक पे + DA के आधार पर तय होती है
पेंशन पर प्रभाव
न्यूनतम पेंशन में वृद्धि
वर्तमान न्यूनतम पेंशन: ₹9,000
अनुमानित नई न्यूनतम पेंशन:
- फिटमेंट फैक्टर 2.28 के साथ: ₹20,520
- फिटमेंट फैक्टर 2.46 के साथ: ₹22,140
पेंशनभोगियों के लिए लाभ
8वें पे कमिशन से लगभग 68.72 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे। पेंशन की गणना नए बेसिक पे के आधार पर होगी, जिससे मासिक पेंशन में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी.
अलाउंस (भत्तों) में परिवर्तन
HRA (House Rent Allowance) संशोधन
नए बेसिक पे के आधार पर HRA की पुनर्गणना होगी:
- X-श्रेणी शहरों में: नए बेसिक पे का 30%
- Y-श्रेणी शहरों में: नए बेसिक पे का 20%
- Z-श्रेणी शहरों में: नए बेसिक पे का 10%
अन्य भत्तों का संशोधन
- Transport Allowance: वर्तमान दरों में वृद्धि
- Medical Allowance: संशोधित दरें
- कुछ छोटे भत्तों का मर्जिंग या समाप्ति की संभावना
- 7वें पे कमिशन की तरह लगभग 50 भत्तों के समाप्त होने की संभावना
सैलेरी कैलकुलेशन का फॉर्मूला
मुख्य कैलकुलेशन
नया बेसिक पे = वर्तमान बेसिक पे × फिटमेंट फैक्टर
उदाहरण:वर्तमान बेसिक पे: ₹25,000
फिटमेंट फैक्टर: 2.46
नया बेसिक पे: ₹25,000 × 2.46 = ₹61,500
कुल सैलेरी की गणना
कुल सैलेरी = नया बेसिक पे + HRA + Transport Allowance + अन्य भत्ते[
इतिहास में पे कमिशन की भूमिका
पिछले पे कमिशनों का सारांश
- पहला पे कमिशन (1946-47): न्यूनतम वेतन ₹55
- दूसरा पे कमिशन (1957-59): न्यूनतम वेतन ₹80
- तीसरा पे कमिशन (1970-73): सार्वजनिक-निजी समानता पर जोर
- चौथा पे कमिशन (1983-86): न्यूनतम वेतन ₹750
- पांचवां पे कमिशन (1994-97): 51 से 34 पे स्केल में कमी
- छठा पे कमिशन (2006-08): रनिंग पे बैंड की शुरुआत
- सातवां पे कमिशन (2014-16): न्यूनतम वेतन ₹18,000, फिटमेंट फैक्टर 2.57
8वें पे कमिशन की विशेषताएं
- लाभार्थी: 49.19 लाख कर्मचारी + 68.72 लाख पेंशनभोगी
- अनुमानित लागत: ₹1.8 लाख करोड़ सालाना
- मुख्य बदलाव: DA मर्जिंग, पे मैट्रिक्स संशोधन, भत्तों का सरलीकरण
वित्तीय प्रभाव और चुनौतियां
सरकारी खजाने पर प्रभाव
8वें पे कमिशन की कुल लागत लगभग ₹1.8 लाख करोड़ सालाना आंकी गई है। यह एक महत्वपूर्ण राजकोषीय चुनौती है, जिसके कारण सरकार सावधानी से ToR तैयार कर रही है.
मुद्रास्फीति समायोजन
8वें पे कमिशन का मुख्य उद्देश्य पिछले 10 वर्षों की मुद्रास्फीति का समायोजन करना है। वर्तमान आर्थिक स्थितियों के अनुसार वेतन संरचना को अपडेट करना आवश्यक है.
निष्कर्ष
8वां वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। हालांकि औपचारिक स्थापना में देरी हो रही है, लेकिन जब यह लागू होगा तो इससे वेतन संरचना में महत्वपूर्ण सुधार होगा। 30-34% तक की संभावित वेतन वृद्धि, DA का बेसिक पे में मर्जिंग, और पेंशन में सुधार इसकी मुख्य विशेषताएं हैं।
कर्मचारियों को धैर्य रखना चाहिए क्योंकि यह प्रक्रिया समय लेती है, लेकिन अंततः यह उनके वित्तीय कल्याण में महत्वपूर्ण सुधार लाएगी। 1 जनवरी 2026 से पूर्वव्यापी लाभ मिलना सुनिश्चित है, भले ही वास्तविक भुगतान में कुछ समय लगे.
